गुरुवार, 17 दिसंबर 2009

17. सकारात्मक निश्क्रियता

क्या पाया सक्रिय होकर ?

न होते सक्रिय; न करते काम;

न होता नाम; न ही पहचान;

न होता राग; न होता द्वेश;

न होता मोह; न होता क्लेष;

न कोई जानता; न कोई मानता;

न होते पद; न होता मद;

न होते रगड़े; न होते झगड़े;

कितना अच्छा होता; गुमनाम सी जिन्दगी जीता;

कितनी सकारात्मक होती निश्क्रियता

1 टिप्पणी:

  1. शायद मानव जीवन ऐसी सकारात्मक निष्क्रियता को स्वीकार नहीं करता.

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