उज्वल कल की करें कामना
बीते कल का ले आधार
आओ मिलकर नए वर्ष में
कर लें सब सपने साकार
कार्य-कुशलता मूल-मंत्र हो
आलस का होवे प्रतिकार
लगन और मेहनत से जुटकर
खुशहाली का खोलें द्वार
नव-वर्ष के अवसर पर इस सहस्त्राब्धि का पहला दिन याद आ जाता है जिसमें मुझे इतनी नवीनता दिखी कि उनके वर्णन का लोभ संवरण नहीं कर सका| निम्न पंक्तियाँ उन्हीं संयोगों कि ओर ध्यानाकर्षण का प्रयास है| केवल सन्दर्भ के लिए याद दिला दूं कि ०१.०१.०१ के दिन सोमवार था जो कि सप्ताह का पहला दिन माना जाता है|
१००० वर्षों बाद ३००१ में भी दिनांक तो ०१.०१.०१ ही लिखी जाएगी किन्तु वह दिन सप्ताह का सातवाँ दिन होगा, अर्थात उस दिन रविवार होगा| नीचे लिखी पंक्तियाँ का संयोग अब ७००० वर्षों बाद अर्थात ९००१ में ही पुनः संभव होगा|
नवल दिवस, दिन-अंक नवल,
यह वार नवल, सप्ताह नवल
इस नए वर्ष का माह नवल
इस नए वर्ष का माह नवल
और नए दशक का साल नवल
इक नई सदी का दशक नवलऔर दशम-शती की सदी नवल
नव-युग का शुभ नव-द्वार बने,
यह दशम-शती त्यौहार नवल
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