फंस के चक्रव्यूह में,शब्द के समूह में
भाव कुलबुला रहे,वक्त को बुला रहे
कभी तो वक्त आएगा,अनर्थ से बचाएगा
अर्थ-पूर्ण अर्थ को,न्याय तो दिलाएगा
तर्क अर्थघात कर,भाव पर प्रहार कर
स्वार्थ-सिद्धि कर रहा,चैन सबका हर रहा
खुद को तूं बुलंद कर,मुक्त कर स्वतंत्र कर
कर्म-साधना प्रखर,धर्म भावना मुखर
लक्ष्य वेधना मगर,हौसले सहेज कर
श्रम का हाथ थामना,पूर्ण होगी कामना