जो आप चाहें सो आप करें , यह स्वतंत्रता है
जो आप करें सो आप चाहें , यह प्रसन्नता है
इसीलिए नेता प्रसन्न हैं और जनता स्वतंत्र है
कुल मिला कर हम सभी इस देश में स्वच्छन्द हैं
[ 'हाइकु' में मेरी रुचि जगाने का श्रेय डॅा.सागर खादीवाला को है | डॅा.सागर खादीवाला के अनुसार यह काव्य की एक जापानी शैली है |इसके उद् गम, विकास तथा शिल्प संबंधी पहलुओं का ब्यौरा बहुत विस्तृत है जिसे यहां पूर्ण रूपेण प्रस्तुत कर पाना संभव नहीं है | संक्षेप में कहा जा सकता है कि अत्यंत कम तथा निश्चित अक्षर संख्या की सुनिश्चित संरचना में किसी कथ्य, तथ्य, या विचार को व्यक्त करने की यह एक कलात्मक काव्य शैली है| जिसमें अत्यंत संक्षिप्त सी केवल तीन पंक्तियां होती हैं जिनमें कुल मिला कर सतरह अक्षर होते हैं | पहली और तीसरी पंक्ति में पांच-पांच और बीच की पंक्ति में सात अक्षर होते हैं | यह एक कठोर और अटूट नियम है | एक भी पंक्ति में एक भी अक्षर कम या अधिक होने पर उसे हाइकु नहीं कहा जा सकता | मात्राहीन अक्षर मात्रायुक्त अक्षर तथा अर्धाक्षर जुड़े अक्षर को भी एक अक्षर ही माना जाता है | कुल मिला कर कहा जा सकता है कि हाइकु की संरचना मात्रा आधारित न होकर अक्षर आधारित होती है | इसमें तुकांत की आवश्यकता नहीं है |