सोमवार, 14 सितंबर 2009

6. मातृभाषा - राष्ट्रभाषा

मातृभूमि से अगणित आशा;

मातृस्नेह की है अभिलाषा।

फिर क्यों झिझकें; क्यों न बोलें;

मातृभाषा -  राष्ट्रभाषा॥


हिंदी से जिन्हें लगाव होता है उनके मन में 'हिंदी दिवस' के दिन वैचारिक हलचल होना स्वाभाविक है| मातृभाषा ही माध्यम है दिल की बात को उचित अभिव्यक्ति देने का और उसे सही सन्दर्भ में श्रोता के दिल तक पहुँचाने का| यह कठिन नहीं है, बस थोड़े से प्रयास की और थोड़े अभ्यास की  जरूरत है| 'हिंदी दिवस' के अवसर पर हार्दिक अभिनन्दन|

2 टिप्‍पणियां:

  1. A hindi teacher once told me that there is no word like बोलें in Hindi and it should not be used. I am doubtful about that but if you happen to clear it up, please let me know too.

    Regards,
    Ashutosh

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  2. प्रिय आशुतोष,

    प्रशंसा, जिज्ञासा-झलकाती टिपण्णी की करूँ या उस गुरु की विद्वत्ता की, जिसने अपने छात्रों को इतने दूरगामी प्रभाव डालने वाला ज्ञान दे उपकृत किया | 'बोलें' शब्द के उपयोग पर यदि लिखने लगूं तो शायद एक निबंध लिख बैठूं किन्तु मेरे ब्लॉग का उद्देश्य यह नहीं है| 'बोलें - शब्द का उपयोग सही है या नहीं' यह विषय भाषा विज्ञान का है और भाषा विज्ञान मेरा विषय नहीं है | क्यों न हम तर्कों की कसौटी पर इस विषय को परखें और देखें क्या उचित है ? निम्न मुद्दे यदि सही लगते हों तो शायद समाधान हो जायेगा |

    १. यद्यपि शब्द-कोष इस शब्द का अर्थ नहीं दिखलाता तथापि बोल-चाल में प्रचलित शब्द, भाषा का भाग बन ही जाते हैं | ऐसे बहुत से शब्द हैं जो प्रचलित हैं किन्तु शब्द-कोष में नहीं दिखते | 'बोलें' को मूलतः 'बोलना' से बना हुआ माना जा सकता है और शायद यह उस भावः को सही तरह से प्रस्तुत भी कर रहा है जिसके लिए इसे उपयोग किया गया है |

    २. हिंदी विकास कालीन युग के लेखन पर दृष्टि डालें तो पाएंगे कि बहुत से शब्द प्रचलन में नहीं होते हुए भी प्रयोगात्मक ढंग से हिंदी को दिए गए और हिंदी ने उन्हें स्वीकार किया | आज भी आवश्यकता है कि इस अति समृद्ध भाषा को, आज के प्रचलित शब्दों से और समृद्ध कर, आधुनिक बनाने की | समस्या यह है कि एक ओर तो इस भावना कि आड़ में अंग्रेजी को अनावश्यक दख़ल दिया जा रहा है और दूसरी ओर इसके मूल स्वरुप को बनाये रखने का आग्रह, दुराग्रह की हद तक कायम है | भाषा के विस्तार का एक सूत्र यह भी हो सकता है की उस शब्द को भाषा में सम्मिलित कर लिया जाये जिसे तीन पीढियां उसी सन्दर्भ में उपयोग करती हों | 'बोलें' तो मुझे सहज स्वीकार्य शब्द लगता है अतः इसका उपयोग मैं उचित समझता हूँ |

    ३. प्रस्तुत रचना में क्या 'बोलें' शब्द का कोई पर्याय है जो उचित भावाभिव्यक्ति कर दे ?

    ज्ञान-रंजन की आदत बनी रहे इस कामना के साथ ...... इति |

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